गरीबों के काजू में अमीरों वाले गुण
सुमन कुमार
मूंगफली को गरीबों का काजू कहा जाता है। सर्दियों में आग पर भूनी गई छिलके वाली करारी मूंगफली देश के तकरीबन हर चौक, चौराहे या गली में खूब मिलती है। लाजवाब स्वाद होने के साथ-साथ ये जेब पर भी भारी नहीं पड़ती। स्वाद में काजू से मिलता जुलता होने और दाम में सस्ता होने के कारण इसे गरीबों का काजू कहा जाता है। आज हम गरीबों के इसी काजू के गुणों के बारे में बात करेंगे।
प्रोटीन का भंडार
इंसानी शरीर के लिए प्रोटीन जरूरी होता है ये तो हम सभी जानते हैं और इसकी भरपाई मांस, मछली और दुग्ध उत्पादों से हो सकती है ये भी जानते हैं, मगर क्या आप ये जानते हैं कि मूंगफली में मांस से 1.3 गुणा, अंडों के मुकाबले ढाई गुणा और फलों के मुकाबले 8 गुणा अधिक प्रोटीन पाया जाता है। 100 ग्राम कच्ची मूंगफली में एक लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। एक लीटर पूर्ण वसायुक्त दूध की कीमत 50 रुपये जबकि 100 मूंगफली की कीमत 10 से 15 रुपये के बीच पड़ती है।
अन्य पोषक तत्व
प्रति 100 ग्राम मूंगफली में 570 कैलरी होता है। मगर खास बात ये है कि इस एक भोज्य पदार्थ में एक साथ कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, फैट, प्रोटीन, विटामिन्स, कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, पोटैशियम और जिंक सब कुछ पाया जाता है। प्रोटीन की मात्रा इसमें 25 प्रतिशत तक होती है जबकि मांस, मछली और अंडों में ये 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होती। मात्र 250 ग्राम मूंगफली में जितने गुणधर्म होते हैं उतने 250 ग्राम मांस में भी नहीं होते।
भोजन को स्वादिस्ट बनाए
छिलके वाली करारी मूंगफली के अतिरिक्त रसोई में मूंगफली के और भी स्वादिस्ट व्यंजन बनते हैं। इसे सब्जी, खीर, खिचड़ी आदि में डाला जाता है, सर्दियों में गेहूं-बाजरे के आटे में डालकर लड्डू बनाए जाते हैं, गुड़ में डालकर पट्टी बनाई जाती है, चिड़वा में डालकर पोहे को स्वादिस्ट बनाया जाता है। गर्मियों में विभिन्न प्रकार के शेक में इसकी सजावट की जाती है। इसके अलावा बिस्किट आदि में भी इसे डाला जाता है।
मूंगफली का प्रोटीन दूध से मिलता जुलता है और इसकी चिकनाई घी के समान है, इसलिए मूंगफली खाने से दूध और घी की भरपाई हो जाती है। मूंगफली का तेल भी निकाला जाता है और मध्य भारत में इसका खूब इस्तेमाल होता है। ये जैतून के तेल से मिलता-जुलता है।
स्वास्थ्य पर असर
अगर किसी को प्रोटीन की अधिकता की बीमारी हो तो उसे मूंगफली के सेवन से दूर रहना चाहिए अथवा नियंत्रित सेवन करना चाहिए। किसी स्वस्थ् व्यक्ति के लिए ये बेहद फायदेमंद है। इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाने में मदद मिलती है, हृदय दुरुस्त रहता है, कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है। इसे खाने से शरीर में वसा की मात्रा भी नियंत्रित रहती है।
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